14 वर्षो बाद अवध में जब लोटे श्रीरामजी
दीपावली से जग मग हो गया सारा धरती धाम जी
तीनो लोक करे जय कारा ले श्री राम का नाम जी
दीपावली से जग मग हो गया सारा धरती धाम जी
पाप अधर्म की हार हो गई रावन का संहार हुआ
सत्ये धर्म की जीत हुई
सुख शान्ति का संसार हुआ
अवध में छाई विरहा वेदना दुःख की काली रात कटी
१४ वर्षो के वनवास की साडे साती आज हटी
लगे स्वर्ग से उची शोभा नगर गली घर ग्राम की
दीपावली से जग मग हो गया सारा धरती धाम जी
घर घर बंधन वार हार और तोरण गए सजाये
सूर्ये वंश की विजय पता का अम्बर तक लहराए
हर्षित हो सब ने पग पग पर मंगल दीप जलाए
सुर नर मुनि जय कार लगाये त्रिबुवन मंगल गाये
तीनो लोक भुवन चोदस सब करते विनय परनाम जी
दीपावली से जग मग हो गया सारा धरती धाम जी
धरा गगन का मन जीवन का सब अधियारा भागा
देवी देव संत मुनि मानव भाग्य सभी का जागा
तन मन दे सुध बुध भूल जे जन जन झूमे नाचे गाये
राजा राम की जय जय बोले जीवन धन्ये बनाये
प्रेम से पुन यश महिमा गाये रघुवर पूरण काम की
दीपावली से जग मग हो गया सारा धरती धाम जी