एक मुस्काती कन्या के मुख पर
झलक दिखी है मैया की
छम छम करती पायल उसकी
याद दिलाये मैया की
एक मुस्काती कन्या के मुख पर
झलक दिखी है मैया की
सखियों संग वो झूला झूले
तो बगिया का रूप खिले
मंद मंद मुस्काये कलियाँ
जब ममता की धुप खिले
मगन हुए जब आँखे मेरी
देख छवि मैया की
एक मुस्काती कन्या के मुख पर
झलक दिखी है मैया की
कोयल जैसे वाणी उसकी
करती है अमृत वर्षा मुख से
जैसे मंत्र निकलते वेदो की होती चर्चा
मन अति फुलकित हो बैठा जब
महिमा जानी मैया की
एक मुस्काती कन्या के मुख पर
झलक दिखी है मैया की
आँख मिचोली जब वो करती
देख के नैना धन्य हुए
आंबे का ये रूप देखकर
काज मेरे सपना हुए
गोविन्द गाये भजन तुम्हारा
ये कृपा है मैया की
एक मुस्काती कन्या के मुख पर
झलक दिखी है मैया की