दिन जाए दिन आए

दिन जाए दिन आए
उस दिन की क्या गिनती
जो दिन भजन किये बिन जाए
दिन जाए दिन आये

प्रथम किरण आने से पहले पुण्य
प्रभाती गाये जागो जग जीवन जान नायक
वसुधा तुम्हे जगाये

दिन जाए दिन आए
उस दिन की क्या गिनती
जो दिन भजन किये बिन जाए
दिन जाए दिन आये

कृषक काल नए दिवस का
उज्जवल सूर्य उगाये
जल देकर जीवन दाता को
सविनय शीश झुकाये

दिन जाए दिन आए
उस दिन की क्या गिनती
जो दिन भजन किये बिन जाए
दिन जाए दिन आये

आँख कभी जब खुले रात में
परम हंस को ध्याये
सोऽहं हंसम हंसम सोऽहं
अंतर नाद गुंजाये

दिन जाए दिन आए
उस दिन की क्या गिनती
जो दिन भजन किये बिन जाए
दिन जाए दिन आये

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