ओ त्रिपुरारी ओ गंगाधारी सुनले अपने भक्तो की व्यथा तू सारी

दारुण है दुःख और पीरा है भारी
सुनले अपने भक्तो की व्यथा तू सारी
ओ त्रिपुरारी ओ गंगाधारी
सुनले अपने भक्तो की व्यथा तू सारी
ॐ नमः शिवाये ॐ नमः शिवाये

दर पे तेरे आया बांके भिखारी
नादा ये सेवक न जग का खिलाडी
तेरे चरणों में रह जाऊ अर्जी हमारी
अपना लो ठुकरा दो मर्जी तुम्हारी
ओ त्रिपुरारी ओ गंगाधारी
सुनले अपने भक्तो की व्यथा तू सारी

ॐ नमः शिवाये ॐ नमः शिवाये

मैं साधक बनाने आया साध्य तू मेरा
दुनिया की ना चाहत आराध्य तू मेरा
सम्भालो तुम मुझको शरण में तुम्हारी
तेरे चरणों में निकले जिंदगी सारी
ओ त्रिपुरारी ओ गंगाधारी
सुनले अपने भक्तो की व्यथा तू सारी

तू भूत है तू भविष्य तू ही वर्तमान है
तू सुने सबकी विनती तू भगवन है
तेरे दर पे लगी भीड़ भक्तो की भारी
अम्मू की भी सुनले भोले भंडारी
ओ त्रिपुरारी ओ गंगाधारी
सुनले अपने भक्तो की व्यथा तू सारी

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