दादी जी थारा कस के पकड़ लिया पाँव

दादी जी थारा कस के पकड़ लिया पाँव,
छुडाया भी न छोड़ागा म्हारी ढांडन वाली मात
छुडाया भी न छोड़ागा म्हारी ढांडन वाली मात।।

कुल देवी म्हारे सिर पे रख दीजियो हाथ
हटाया भी न हटने दूंगा ढांडन वाली मात।।

दादी जी था सु बाँधी है प्रीत की डोर
तुडाया भी न तोड़न दूंगा ढांडन वाली माये।।

दादी जी माहरे में रोम रोम में थारो नाम
मिटाया भी न मिटने दूंगा ढांडन वाली माये।।

दादी जी थारे दर्शन की बलिहार
में कदे न मुख मोडन दूंगा ढांडन वाली मात।।

दादी जी प्यारी किरपा पवन पे राख
थारा भजन मैं प्यारा गावा गा ढांडन वाली माये।।

दादी जी थारा कस के पकड़ लिया पाँव,
छुडाया भी न छोड़ा गा म्हारी ढांडन वाली मात।।

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