सुमिरता क्यों नहीं रे श्री श्याम

ओ बन्दे तेरी कोड़ी लगे ना कोई दाम
तू भजता क्यों नहीं रे श्री श्याम
सुमिरता क्यों नहीं रे श्री श्याम

पाँव दिया रे बन्दे तीरथ कर ले
हाथ दिया रे कर दान
तू भजता क्यों नहीं रे श्री श्याम
सुमिरता क्यों नहीं रे श्री श्याम

नैन दिया रे बन्दे दर्शन कर ले
कान दिया रे सुन ज्ञान
तू भजता क्यों नहीं रे श्री श्याम
सुमिरता क्यों नहीं रे श्री श्याम

दांत दिया रे बन्दे मुखड़े री शोभा
जीभ दीनी रे भजो श्याम
तू भजता क्यों नहीं रे श्री श्याम
सुमिरता क्यों नहीं रे श्री श्याम

शीश दिया रे बन्दे प्रभु को निमनने
बहार बार परनाम , कोटि बार प्रणाम
तू भजता क्यों नहीं रे श्री श्याम
सुमिरता क्यों नहीं रे श्री श्याम

श्याम बहादुर शिव जी तुझको सुमिरते
बाली बाई रो प्रणाम
तू भजता क्यों नहीं रे श्री श्याम
सुमिरता क्यों नहीं रे श्री श्याम

Leave a Comment