जय हो वीणा वाली मां,
जय हो मैया शारदे,
जय हो वीणा वाली मां,
जय हो मैया शारदे।।
वंदन करु मैं तेरी शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाऊं तो आना,
सुर की है देवी सरस्वती कहलाती,
ज्ञानी हो जाता जिसपे नैना घुमाती,
वंदन करु मैं तेरी शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाऊं तो आना।।
ज्ञान की हे देवी तुने जग को सवारी,
धन्य हो गई मां हो के सेवक तुम्हारी,
सदा तुमने भक्तों की बात मानी,
चरणों में तेरी बनाऊं ठिकाना,
वंदन करु मैं तेरी शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाऊं तो आना।।
ब्रह्मा के मुख से निकली स्वर्ग में विराजे,
हंस वाहिनी हाथों में विणा है साजे,
वंदन करु मैं तेरी शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाऊं तो आना।।
जाने है जग ये सारा महिमा तुम्हारी,
दया तो दिखाओ आके हे विणाधारी,
वंदन करु मैं तेरी शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाऊं तो आना।।
करती नमन हूं तेरे चरणों में मैया,
विनती हमारी तुम भुल ना जाना,
वंदन करु मैं तेरी शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाऊं तो आना।।
वंदन करु मैं तेरी शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाऊं तो आना,
सुर की है देवी सरस्वती कहलाती,
ज्ञानी हो जाता जिसपे नैना घुमाती,
वंदन करु मैं तेरी शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाऊं तो आना।।