आ जाओ श्याम प्यारे इतनी कृपा तो कर दे,
मेरे सिर पे हाथ धर दे आ जाओं श्याम प्यारें।।
तुझे दिल में बंद करके दरिया में फेंकू चाबी,
जब तू समाए दिल में मिट जाए हर खराबी,
दीवाना बन के घूमूं मुझको प्रभु ये वर दे,
आ जाओ श्याम प्यारे इतनी कृपा तो कर दे।।
स्वारथ के सब पुजारी इस दिल में भर गए थे,
सारे के सारे मुझको गुमराह कर रहे थे,
तेरी राहो में चलूँ अब ऐसी मुझे डगर दे,
आ जाओ श्याम प्यारे इतनी कृपा तो कर दे।।
चिंतन सदा हो तेरा दूजी नहीं हो चाहत,
झोली पसार मांगू दे दे मुझे ये दौलत,
कण कण में तुझको देखूं ऐसी मुझे नजर दे,
आ जाओ श्याम प्यारे इतनी कृपा तो कर दे।।
दर पे झुका जो मस्तक कहीं और ये झुके ना,
चरणों में ये है विनती मेरी लेखनी रुके ना,
गाऊं तेरे तराने “बिन्नू” को ये हुनर दे,
आ जाओ श्याम प्यारे इतनी कृपा तो कर दे।।
आ जाओ श्याम प्यारे इतनी कृपा तो कर दे,
मेरे सिर पे हाथ धर दे आ जाओं श्याम प्यारें।।
गायक – प्रकाश ओडेका जी।