जीवन है पानी की बूँद कब मिट जाए रे
जीवन है पानी की बूँद कब मिट जाए रेहोनी अनहोनी कब क्या घाट जाए रेजीवन है पानी की बूँद ……………. साथ निभाएगा बीटा सोच रहा लेटा लेटाहाय बुढ़ापा आएगा पास ना आएगा बेटाबागो में तू क्यों आनंद मनाये रेजीवन है पानी की बूँद …………….. अर्थ मृतक संग वृद्धापन झुकी कमा सिकुड़न सिकुड़नगोदी में पोता पोती … Read more