जीवन है पानी की बूँद कब मिट जाए रे

जीवन है पानी की बूँद कब मिट जाए रेहोनी अनहोनी कब क्या घाट जाए रेजीवन है पानी की बूँद ……………. साथ निभाएगा बीटा सोच रहा लेटा लेटाहाय बुढ़ापा आएगा पास ना आएगा बेटाबागो में तू क्यों आनंद मनाये रेजीवन है पानी की बूँद …………….. अर्थ मृतक संग वृद्धापन झुकी कमा सिकुड़न सिकुड़नगोदी में पोता पोती … Read more

फिर क्यों भूला हरी का नाम जब वचन दिया है तूने

फिर क्यों भूला हरी का नाम जब वचन दिया है तूनेफिर क्यों भूला हरी का नाम जब वचन दिया है तूने।। जब गर्भ में तुझे लटकाया तूने बार बार फ़रमायामैं तुझे भूलू न मेरे राम जब वचन दिया है तूनेफिर क्यों भूला हरी का नाम जब वचन दिया है तूने।। उस नरक से तुझे छुड़ाया … Read more

मन तू सतसंग करले भाई

मन तू सतसंग करले भाई आधी मे पुनिआध,तुलसी सतसंग साध कि भाई कटे कोटि अपराध।। मन तू सतसंग करले भाई,सतसंग बीना सुख नही पावै,चाहै फिरो जग माई।। सतसंग पारस है जग माई कंचन करै सदाई,मन पलट हरि मे लागो सारो दुःख मिट जाई।। सतसंग है सत्य कि करणी भव से पार उतराई,जो कोई आई बेटे … Read more

किसी का रहा नहीं अभिमान

खाली हाथ जगत में आया खाली हाथ ही जाएगाधन दौलत और माल खजाना यही धरा रह जाएगारे मन हरी का भजन जबतक सुखी शरीरवृद्ध भये पछतायेगा हाड हाड में पीर।। आसमान पर उड़ने वाले धरती को पहचान,किसी का रहा नहीं अभिमान।। ये संसार सभी नश्वर है फिर कैसा अभिमान ,छोड़ के ये जगवा भी चल … Read more

सदा सुख चावे तो नर काम छोड़ दें चार

सदा सुख चावे तो नर काम छोड़ दें चार,चोरी चुगली जामिनी और पराई नार।। चोरी करी रावण अभिमानी,सियाराम की हर ली रानी,करवा दी कूटूम की घानी,जब खफा दियो परिवार,अगर सुख चावे तो,नर काम छोड़ दें चार।। चुगली कर सकुनी बहकाया,महाभारत में लेख बताया,कौरव पांडवों को लड़वाया,जब हुई जुए में हारअगर सुख चावे तो,नर काम छोड़ … Read more