राधा हमारी गोरी गोरी (विनोद जी) पार्ट2
राधा हमारी गोरी गोरी (विनोद जी) पार्ट2 Radha Hamari Gori Gori (vinod ji) part2 नर दम्भियों वादियो ने भी पाया तत्त्वदिव्या दिव्या शक्तिया भीनित्या गुण गाती है शंकर समधी मेंढूंढते है जिसकोश्रुति भी नित नित कहेहार जाती है ना ना रूप धरीविश्वा मोहन मुरारीउस विश्वा के मदारी कोगोपिया नाचती है श्याम तन श्याम मनश्याम ही … Read more