तुम बसी हो कण कण अन्दर माँ हम ढूंढते रह गये मंदिर में

तुम बसी हो कण कण अन्दर माँतुम बसी हो कण कण अन्दर माँहम ढूंढते रह गये मंदिर में।। हम मूढमति हम अनजानेमाँ सार तुम्हारा क्या जाने।। तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँहम ढूंढते रह गये मंदिर में।। तेरी माया को न जान सकेतुझको न कभी पहचान सकेहम मोह की निद्रा सोये रहेमाँ इधर उधर ही … Read more

माँ की हर बात निराली है

पास की सुनती है, दूर की सुनती है,गुमनाम के संग संग मशहूर की सुनती है ।माँ तो आखिर माँ है माँ के भक्तो,माँ तो हर मजबूर की सुनती है ॥ माँ की हर बात निराली है,बात निराली है, के हर करामात निराली है,महा दाती से सब को मिली सौगात निराली है ॥ वक़्त की चाल … Read more