चली आओ राधा कन्हिया पुकारे,
मेरे नैना रस्ता ये कब से निहारे।।
मधुवन है सुना वो तुम को बुलाता,
मिल के बिछड़ना बहुत ही रुलाता,
ओ प्यारी राधा कन्हिया पुकारे,
मेरे नैना रस्ता ये कब से निहारे।।
ढूंढे निगाहें पल पल तुम्हे ही,
दिल में बिठाया राधा तुम्हे ही,
प्राणों से प्यारी कन्हियाँ पुकारे,
मेरे नैना रस्ता ये कब से निहारे।।
श्री लाडली यु बसी मेरी रूह में,
वन वन भटक ता तेरी जुस्त जू में,
नागर राधा कन्हियाँ पुकारे,
मेरे नैना रस्ता ये कब से निहारे।।