दरबार सज गया जय जय माँ

जय जय माँ जय जय माँ
दरबार सज गया जय जय माँ
माँ की ज्योति जल गयी जय जय माँ
मन्नत हुई पूरी इस दिल का कमल खिल गया
मैया जी के अगना में नाचने को मिल गया
मेरी माँ के अगना में नाचने को मिल गया

इतनी मेहर मैया ने करदी
मेरी झोली मुरदो से भरदी
माँ की ज्योति घर में जगाई
सांगत दूर दूर से आयी
ऐसी मची धूम फिर ऐसी मची
सारा पंडाल ही हिल गया
मैया जी के अगना में नाचने को मिल गया
मेरी माँ के अगना में नाचने को मिल गया
दरबार सज गया जय जय माँ
माँ की ज्योति जल गयी जय जय माँ
दरबार सज गया जय जय माँ

मिल भक्तो ने रंग जमाया महिमा गा गा माँ को रिझाया
रंग गए सब भक्ति के रंग में
न कोई अपना था न को पराया
जैसा आया वैसा नचा
हर कोई होश मिल गया

मैया जी के अगना में नाचने को मिल गया
मेरी माँ के अगना में नाचने को मिल गया
दरबार सज गया जय जय माँ
माँ की ज्योति जल गयी जय जय माँ
दरबार सज गया जय जय माँ

माँ की माया माँ ही जाने
उसके खेल कौन पहचाने
माँ का एक इशारा ही काफी
कमले भी हो जाए सयाने
गुनहगार सरल जैसा
दर्शन के काबिल हो गया

मैया जी के अगना में नाचने को मिल गया
मेरी माँ के अगना में नाचने को मिल गया
दरबार सज गया जय जय माँ
माँ की ज्योति जल गयी जय जय माँ
दरबार सज गया जय जय माँ

#Singer – Sanjeev Sharma

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