कई पैदल कई साईकला
लेके कई मोटर कारा विच बह के,
पहुंचे तेरे दरबार दातिए कर किरपा
दे दर्शन इक बार दातिए कर किरपा।।
अपना अपना ढंग है सब दा किवे तनु मनाउना,
शाम सवेरे तेरा दातिए किदा है गुण गौना,
करदे सोच विचार दातिए कर किरपा,
दे दर्शन इक बार दातिए कर किरपा।।
कर किरपा तू जग कल्याणी अरजा माये करदे,
चरना दे विच बैठ तेरे माँ सारे हाजरी भर दे,
भरदे तू भण्डार दातिए कर किरपा,
दे दर्शन इक बार दातिए कर किरपा।।
कई दण्डोता करदे कई पैदल चल के आये,
कई तेरी भेटा गाउँदे बावे वरगे माये,
लै फुला दे हार दातिए कर किरपा,
दे दर्शन इक बार दातिए कर किरपा।।
Koi Paidal Koi Cycle Leke
Koi Motor Cara Vich Baike
Pahuche Tere Dar Datiye Kar Kripa
De Darshan Ek Baar Datiye Kar Kripa
Apna Apna Dhang Hai Sabda
Kevi Tainu Mauna
Shaam Savere Tera Datiye
Gidda Hai Gun Gauna
Karde Soch Vichar Datiye Kar Kripa
De Darshan Ek Baar Datiye Kar Kripa
Kar Kripa Tu Jag Kalyani
Arja Maaye Karde
Charna De Vich Baith
Tere Maye Saare Haziri Bharde
Bharde Tu Bhandar Datiye Kar Kripa
De Darshan Ek Baar Datiye Kar Kripa
Kayi Dantota Karde Te
Kayi Paidal Chal Ke Aaye
Kayi Teriya Bheta Gaave Barke Maaye
Lai Phulla De Haar Diye Kar Kripa
De Darshan Ek Baar Datiye Kar Kripa
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