हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ
He Sharde Maa Agyanta Se Hume Tarde Maa
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ।।
तू स्वर की देवी, है संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे।।
हम है अकेले, हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ।।
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ।।
मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी
वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानी।।
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ।।
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ।।
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे।।
मनसे हमारे मिटाके अँधेरे,
हमको उजालों का संसार दे माँ।।
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ।।
गायक : मुकेश कुमार जी