जब से मैं जुडी हु दर से

जब से मैं जुडी हु दर से
तब से खुशियाँ नभ से बरसे
मेरे श्याम मेरे गिरधर
मेरे साथ यु ही चलना
जग चाहे बदल ये जाए
पर तुम न कभी बदलना
मेरे साथ साथ रेहना
मेरे साथ साथ रेहना
जब से मैं जुडी हु दर से

भटको का घर है हारो का बल ये दर तेरा संवारे
धुप है खड़ी दुनिया सारी तू खंडी है छाव रे
है बस इतना मेरा केहना तेरी ही रजा में रेहना
बन बे खोफ पंशी बाबा तेरी ही हवा में बेहना
मेरे साथ साथ रेहना मेरे साथ साथ रेहना
जब से मैं जुडी हु दर से

तेरी ही हसी लव पे है बसी दिल में तेरी छवि
नूर तेरा मिला तभी तू है आँखों में रोशनी
दिल की धडकनों में बन जे हर दम सांसे तुम ही रेहना
जग की रंगते फरेभी मेरे ख़ास तुम ही रेहना
मेरे साथ साथ रेहना मेरे साथ साथ रेहना
जब से मैं जुडी हु दर से

मांगू क्या संवारे मैं तुझसे जो पाया है सब तेरा
दिन ये तुमसे है संदेया भी तू ही रात तू ही सवेरा
चारो और तेरा पेहरा बोलो प्रेम है ये गेहरा
बाबा मैं तेरा तू मेरा केह दो जग से सच है न
मेरे साथ साथ रेहना मेरे साथ साथ रेहना
जब से मैं जुडी हु दर से

Leave a Comment