जय हो जय हो गजानन तुम्हारी
कैसे करते हो मूषक सवारी।।
तेरी आँखे छोटी छोटी बाहे
रखे चारो दिशाओ में निगाहें
पेट तेरा है बहुत है भारी
कैसे करते हो मूषक सवारी।।
जय हो जय हो गजानन तुम्हारी
कैसे करते हो मूषक सवारी।।
काज देवन के तुमने सँवारे
शिव शंकर के तुम बड़े प्यारे
और गौरा तुम्हारी महतारी
कैसे करते हो मूषक सवारी।।
जय हो जय हो गजानन तुम्हारी
कैसे करते हो मूषक सवारी।।
विघना बढ़ा मिटा ने वाले
अपने भक्तो के हो रखवाले
तुम आदि देव अवतारी
कैसे करते हो मूषक सवारी।।
जय हो जय हो गजानन तुम्हारी
कैसे करते हो मूषक सवारी।।
Jai Ho Jai Ho Gajana Tumhari
Kaise Karte Ho Mooshak Savari