जैन धर्म हमे प्राणों से भी प्यारा है
Jain Dharma Hume Prano Se Bhi Pyara Hai Lyrics
जैन धर्म हमे प्राणों से भी प्यारा है,
धर्मो में ये धर्म बड़ा ही न्यारा है,
अहिंसावादी है ये पंथ हमारे,
जहाँ प्रेम की गंगा बहे,
जिनशासन मिला रे,
भाग्य हमारा खिला रे।।
तारणहार मिले तीर्थंकर,
जंगम तीर्थ मिले है स्थावर,
श्रमण वेश को धारण किये जो,
उपकारी ये मिले है गुरुवर,
आओ भाव से करले वंदना,
जिनशासन मिला रे,
भाग्य हमारा खिला रे।।
दया दान और, क्षमापना,
जैनो के दिल मे ये भावना,
हो प्राणियों में सद्दभावना,
‘दिलबर’ की है ये कामना,
जैन धर्म को करले हम नमन,
जिनशासन मिला रे,
भाग्य हमारा खिला रे।।
जैन धर्म हमे प्राणों से भी प्यारा है,
धर्मो में ये धर्म बड़ा ही न्यारा है,
अहिंसावादी, है ये पंथ हमारे,
जहाँ प्रेम की गंगा बहे,
जिनशासन मिला रे,
भाग्य हमारा खिला रे।।
Jain Dharma Hume Prano Se Bhi Pyara Hai Lyrics
इन जैन भजन को भी सुने –
- प्रभु पार्श्व तेरा दरबार मेरे मन को लुभाता है
- जैन धर्म हमे प्राणों से भी प्यारा है
- झंडा फ़हराओ केसरिया
- हरपल दर्शन री आस टूट्या कर्मारा बन्धन है
- मैं तो तीरथ करने आई बाहुबली चरणों में आई
- जो बंधन तोड़े उसे महावीर कहते है
- गुरु ज्ञान की हो बरसात आप के वचनो से
- लाखो चाँद खिले हो जैसे मुख है
- लाखों चाँद खिले हो जैसे
- चांदनपुर के गाँवों में बुला ले रे वीरा
- जीवन है पानी की बूँद कब मिट जाए रे