चाल दिखाऊ तन्ने नजारा खाटू धाम का
कलियुग के मा डंका बाजे बाबा श्याम का
बाबा श्याम का डंका
कलियुग के मा डंका बाजे बाबा श्याम का
अरे रे म्हारे श्याम का
सब देवो में देव निराला बाबा खाटू वाला से
भक्त की बंद किश्मत का एक पल में खोले ताला से
बाबा की कृपा ते जीवन कटे आराम का
कलियुग के मा डंका बाजे बाबा श्याम का
अरे रे म्हारे श्याम का
इनकी मोर छड़ी का झाड़ा
ऐसा असर दिखावे से
दूर करे कंगाली
वो जीवन में मौज उड़ावे से
मेरे भी रंग चढ़ रहा से
बाबा के नाम का
कलियुग के मा डंका बाजे बाबा श्याम का
अरे रे म्हारे श्याम का
भीम सेन ते चाल बावरे
क्यों इतना घबरावे से
वो होता है किश्मत वाला
जिसने श्याम बुलावे से
श्याम दरश बिन जीवन प्यारे
प्यारे कुछ न काम का
कलियुग के मा डंका बाजे बाबा श्याम का