खाटू में आने वाले को भरपूर दिया है
किसी को आजकल मगर ज़रूर दिया है।।
खाटू से लौटते हुए हर भक्त ने कहा
बाबा ने मेरी अर्ज़ी को मंज़ूर किया है
किसी को आजकल मगर ज़रूर दिया है।।
हारे का सहारा है हार करके आये जो
रंक को भी श्याम ने हुज़ूर किया है
किसी को आजकल मगर ज़रूर दिया है।।
खाटू के दर पे किरपा की बारिश में भीग लो
सागर कहीं पे और कहीं पे बूँद दिया है
किसी को आजकल मगर ज़रूर दिया है।।
हर पल दिखा रहा है श्याम अपना करिश्मा
बिट्टू की साड़ी मुश्किलों को दूर किया है
किसी को आजकल मगर ज़रूर दिया है।।
Khatu Mein Aane Wale Ko Bharpur Diya Hai
Kisi Ko Aaj kal Magar Zarur Diya Hai
Khatu Se Lautate Hue Har Bhakt Ne Kaha
Baba Ne Meri Arzi Ko Manzur Kiya Hai
Kisi Ko Ajkal Magar Zarur Diya Hai
Haare Ka Sahara Hai Har Karke Aaye Jo
Rank Ko Bhi Shyam Ne Huzur Kiya Hai
Kisi Ko Aaj kal Magar Zarur Diya Hai
Khatu Ke Dar Pe Kirpa Ki Barish Mein Bhig Lo
Sagar Kahin Pe Aur Kahin Pe Bund Diya Hai
Kisi Ko Ajakal Magar Zarur Diya Hai
Har Pal Dikha Raha Hai Shyam Apana Karishma
Bittu Ki Sari Mushkilon Ko Dur Kiya Hai
Kisi Ko Aaj kal Magar Zarur Diya Hai