लाखो चाँद खिले हो जैसे मुख है
Laakho Chand Khile Ho Jaise Mukh Hai
लाखो चाँद खिले हो जैसे
मुख है तुम्हरा शीतल ऐसे जाऊ मैं बलिहारी,
हे विमर्श गुरु राज मैं देखे जाऊ छवि तुम्हारी,
मिश्री जैसी मीठी बोली बाते प्यारी प्यारी,
हे विमर्श गुरु राज मैं देखे जाऊ छवि तुम्हारी,
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जैन धर्म हमे प्राणों से भी प्यारा है
हे महाकवि पावन ये छवि ओझल न हो नैनो से कभी,
हे महाकवि पावन ये छवि ओझल न हो नैनो से कभी,
मंद मंद मुस्कान तुम्हारी है गुरु वर पहचान तुम्हारी,
नैनो से करुणा रस छलके मन की मिटा दो तृष्णा सारी,
टुक टुक तुम्हे निहार रहे है जग के सब नर नारी,
हे विमर्श गुरु राज मैं देखे जाऊ छवि तुम्हारी,
हे महाकवि पावन ये छवि ओझल न हो नैनो से कभी,
हे महाकवि पावन ये छवि ओझल न हो नैनो से कभी,
आप की संगत संगत रब की बाकी बाते झूठी सबकी,
आप से मन की बाते जब की बात समज आई मतलब की,
आप ये बोले सिर पे न रखना पाप गठरियाँ भारी,
हे विमर्श गुरु राज मैं देखे जाऊ छवि तुम्हारी,
हे महाकवि पावन ये छवि ओझल न हो नैनो से कभी,
हे महाकवि पावन ये छवि ओझल न हो नैनो से कभी,
धुप जगत हो तुम हो छइयां पार करा तो तुम ही नाइयाँ,
माया के पथ पे पीसले तो आ के पकड़ लो गे तुम बइयाँ,
कर दिया मुझे इशारा तुम्हने तुम को मेरे हित कारी
हे विमर्श गुरु राज मैं देखे जाऊ छवि तुम्हारी,
Jain Bhajan Lyrics
Laakho Chand Khile Ho Jaise Mukh Hai Lyrics
Laakho Chand Khile Ho Jaise Mukh Hai
Tumhara Sheetal Aise Jau Main Balihari
Hey Vimarsh Guru Raj Main Dekhe Jau Chhavi Tumhari
Mishri Jaisi Mithi Boli Baate Pyari Pyari
Hey Vimarsh Guru Raj Main Dekhe Jau Chhavi Tumhari
Mand Mand Muskan Tumhari Hai Guru Var Pahachan Tumhari
Naino Se Karuna Ras Chhalake Man Ki Mita Do Trshna Sari
Tuk Tuk Tumhe Nihar Rahe Hai Jag Ke Sab Nar Nari
He Vimarsh Guru Raj Main Dekhe Jau Chhavi Tumhari
Ap Ki Sangat Sangat Rab Ki Baki Bate Jhuthi Sabaki
Ap Se Man Ki Bate Jab Ki Bat Samaj Ai Matalab Ki
Ap Ye Bole Sir Pe Na Rakhana Pap Gathariyan Bhari
He Vimarsh Guru Raj Main Dekhe Jau Chhavi Tumhari
Dhup Jagat Ho Tum Ho Chhiyan Par Kara To Tum Hi Naiyan
Maya Ke Path Pe Pisale To A Ke Pakad Lo Ge Tum Baiyan
Kar Diya Mujhe Ishara Tumhane Tum Ko Mere Hit Kari
Hey Vimarsh Guru Raj Main Dekhe Jau Chhavi Tumhari
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