मैं अब न जाऊँगा राधा तेरे संग
मेरी मुरलिया तूने चुराई करती है अब तंग
मैं अब न जाऊँगा राधा तेरे संग
मेरी मुरलियां जग से न्यारी
मधुर मधुर बड़ी प्यारी प्यारी
देदे मुरलियां कहा छुपाई
जादा मत कर तंग
मैं अब न जाऊँगा राधा तेरे संग
मुरली वृंदावन से मंगवाई
तेरे लिए मैंने मन से बजाई
देदे मुरलियां कहा छुपाई
जादा मत कर तंग
मैं अब न जाऊँगा राधा तेरे संग
मुरली के बिन माँ मारेगी
घर से खाट बाहर डारेगी
देदे मुरलियां कहा छुपाई
जादा मत कर तंग
मैं अब न जाऊँगा राधा तेरे संग
शेलेंदर की सुन के विनती
राधे क्यों तू न है सुनती
देदे मुरलियां कहा छुपाई
जादा मत कर तंग
मैं अब न जाऊँगा राधा तेरे संग