मईया ऐसी रंगा दो मोरी चुनरी हो माँ,
कोर कोर पे कान्हा रे बैठे मुरली भजाये,
मईया सखियों के संग में कान्हा नित रास रचाये,
मईया ऐसी रंगा दो मोरी चुनरी हो माँ।।
सिंधु के वो वासी रे विष्णु भगवन,
लक्ष्मी चरण दबाबे नागो की छा,
ऐसी रंगा दो मोरी चुनरी हो माँ।।
गंगा यमुना लिखियो रे दर्शन के जाये,
गंगा और कावेरी हे नर्मदा माये,
ऐसी रंगा दो मोरी चुनरी हो माँ।।
बीच में मइयां लिखियो रे शृंगार शिवार,
जग तारण के लाने ओ माई लइ अवतार,
मईया ऐसी रंगा दो मोरी चुनरी हो माँ।।
दुर्गाजी भजन। दुर्गाजी आरती। दुर्गा चालीसा।
Maiya Aise Ranga Do
Mori Chunri Ho Maa
#Singer – Shobhna Kashyap
Maiya Aise Ranga Do
Mori Chunri Ho Maa
Kor Kor Pe Kanha Re
Baithe Murali Bajaye
Sakhiyo Ke Sang Mein Kanha
Nit Ras Rachaye
Maiya Aise Ranga Do
Mori Chunri Ho Maa
Sindhu Ke Vo Vaasi Re
Vishnu Bhagwan
Lakshami Charan Dababe
Naago Ki Chhav
Maiya Aise Ranga Do
Mori Chunri Ho Maa
Ganga Jamuna Likhiyo Re
Darshan Jaaye
Ganga Aur Kaweri
Hey Narmada Maye
Aise Ranga Do
Mori Chunri Ho Maa
Maiya Aise Ranga Do
Mori Chunri Ho Maa
Beech Mein Maiya Likhiyo Re
Singha Aswar Singha Aswar
Jag Taran Ke Laane
Maayi Laiyo Avtaar
Maiya Aise Ranga Do
Mori Chunri Ho Maa
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