ये दूरी ये जुदाई मुझे ना रास आई मेरे लखदातार

ये दूरी ये जुदाई मुझे ना रास आई
तेरे बिना ये संसार सुनले मेरे लखदातार
लगे जैसे हो गहरी खाई
ये दूरी ये जुदाई मुझे ना रास आई

जिस और जहाँ भी मैं देखूं
धोखा और झूठ नज़र आये
मोहमाया और रिश्ते नाते
सब छल से मिले बशर आये
इनसे होके मैं लाचार आया तेरे दरबार
झूठी प्रीत ना मुझको भायी
ये दूरी ये जुदाई मुझे ना रास आई

ये दुनिया पागलखाना है तेरा दर ही मेरा ठिकाना है
तेरे नाम की मस्ती का प्यासा तेरा दर मेरा मैखाना है
चढ़ा जबसे खुमार रटूं ये ही बार बार
हैं प्यार की ये गहराई
ये दूरी ये जुदाई मुझे ना रास आई

धीरज तेरे दर से मिला मुझको दीवाना तेरा मैं बन बैठा
बन कर के लहू मेरी नस नस में तेरे प्यार का सागर उमड़ बैठा
मुझपे तेरा है अधिकार मेरे खाटू के सर्कार
अब सुनले मेरी दुहाई
ये दूरी ये जुदाई मुझे ना रास आई

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