मुसाफिर कोशिश करता जा
Karam Na Maane Haar Musafir Kosis Karta Ja
धुप छाव के जैसा सुख दुःख तनिक ना तू घबरा,
करम ना माने हार मुसाफिर कोशिश करता जा।।
गिरता है तो गिरजा पर उठाने की हिम्मत छोड़ा न
बिन संघर्ष के हुआ न कुछ भी छोटा हो या बड़ा
करम ना माने हार मुसाफिर कोशिश करता जा।।
सांझ के बाद होता है सवेरा जानती दुनिया सारी है
आज इसकी उसकी तो कल क्या तेरी भी बारी है
खुशबू सुख की मिलेगी एक बार तो आजमा
करम ना माने हार मुसाफिर कोशिश करता जा।।
क्यों घबराये हौसला हारे हार के बाद ही जीत है
गिरते को संभाला सनेही यही पुराणी रीत है
जो होना वो होकर रहेगा समय से लड़ता जा
करम ना माने हार मुसाफिर कोशिश करता जा।।
Satsangi Bhajan Lyrics
Karam Na Maane Haar Musafir Kosis Karta Ja
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- मुसाफिर कोशिश करता जा
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