निर्धन के घर भी आओ गजानन जोडूं मैं हाथ,
गौरा माँ के राज दुलारे,
शिव शंकर की आँख के तारे,
सब गणों के नाथ कहाओ गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ गजानन जोडूं मैं हाथ।।
विघ्रन हरण मंगल के दाता,
सबके हो तुम भाग्य विधाता,
भटके को राह दिखाओ गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ गजानन जोडूं मैं हाथ।।
एक दन्त चतुभुज धारी,
मुसे की है तेरी सवारी,
लडूअन का भोग लगाओ गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ गजानन जोडूं मैं हाथ।।
गणपति धनपति नाम तुम्हारे,
नंदी भृंगी गणों के प्यारे,
भक्तों का कष्ट मिटाओ गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ गजानन जोडूं मैं हाथ।।
सुंड सुंडाला काया धारी,
सबसे पहली पूजा तुम्हारी,
तुम एक दन्त कहलाओ गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ गजानन जोडूं मैं हाथ।।
मांगेराम मुआने आला,
तेरे नाम की जपता माला,
सरोज का मान बढ़ाओ गजानन जोडूं मैं हाथ,
निर्धन के घर भी आओ गजानन जोडूं मैं हाथ।।
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