पकड़ो कलाई मेरी श्याम मैं जग से हारा रे
एहलावती के प्यारे हारे के हो सहारे
पकड़ो कलाई मेरी श्याम मैं जग से हारा रे
तू ही तो मेरा है बाकी तो पराये
तेरे होते हुए हम क्यों बेसहारे
खुशियों से दामन भर दो दूर करो अंधियारे
पकड़ो कलाई मेरी श्याम मैं जग से हारा रे
आओ मेरे सांवरियां रो रो के पुकारू
क्या तेरी मर्जी है दुनिया से मैं हारू
कुछ तो बोलो मोहन बंद किये क्यों द्वारे
पकड़ो कलाई मेरी श्याम मैं जग से हारा रे
बिखर न जाए कही ये सांसो के मोती
सुख गए आंसू अब आँखे न रोती
कब तक दुखड़े सहे गे हम किस्मत के मारे
पकड़ो कलाई मेरी श्याम मैं जग से हारा रे
विनती ये पूनम की सवीकार करो न
अर्ज करे बबलू इनकार करो न
हर ग्यारस को बाबा दर पे तेरे पुकारे
पकड़ो कलाई मेरी श्याम मैं जग से हारा रे