राजा गए रानी गयी सब बारी बारी से चले गए
Raja Gaye Rani Gai Sab Baari Baari Se Chale Gaye
राजा गए रानी गयी सब बारी बारी से चले गए,
बस फर्क इतना ही हुआ कोई आज तो कोई कल गए,
राजा गए रानी गयी सब बारी बारी से चले गये ।।
नेकी बड़ी रह गया इतिहास जैसा कह गया,
सब शान शौकत ढेह गया,
तन भी चिता में जल गया,
राजा गए रानी गयी सब बारी बारी से चले गए।।
जो शुभ किया वह काम है ,
यहां रह गया बस नाम है ,
ग्यानी गए ध्यानी गए ,
सब छोड़ राजा नर गए,
राजा गए रानी गयी सब बारी बारी से चले गये ।।
जबके सिकंदर घर चला सब छोड़ कर मंजर चला ,
दो हाथ खाली था खुला,
ना साथ “फड़ी ” धन बल गए ,
राजा गए रानी गयी सब बारी बारी से चले गये ।।
अब भी चरण को लो पकड़ शरणागति में न देर कर
वही बाज जीता है “फड़ी ” जो रहते वक़्त संभल गए
राजा गए रानी गयी सब बारी बारी से चले गये ।।
सिंगर – धीरज कांत जी।
Raja Gaye Rani Gai Sab Baari Baari Se Chale Gaye
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