श्याम सपनों में आए मुझे धीर बँधाये

श्याम सपनों में आए मुझे धीर बँधाये
तू क्यों घबराता है क्यों जी को जलाता है

तेरा मेरा नाता इतना गहरा है
हर दम तेरे ऊपर मेरा पहरा है

भाव भजन तू रोज कर
मेरे भरोसे तू मौज कर

हरपल मुस्काये दुःख मेरे मिटाये
तू क्यों घबराता है क्यों जी को जलाता है

दुनिया तेरा न्याय नहीं कर पाएगी
सुख में दुःख में तुझको सिर्फ भुनाएगी

इनसे कभी न कुछ न बोलना
भेद न अपने खोलना
मुझे जीना सिखाये दुःख मेरे मिटाये
हरपल मुझे ये समझाए
तू क्यों घबराता है क्यों जी को जलाता है

आँखों में तेरे बोल नमी ये कैसी है
मेरे होते बोल कमी ये कैसी है
सबसे सुख तुझपे वार दू
तुझको इतना प्यार दू
सर हाथ फिरउ कभी गले से लगाए
हरपल मुझे ये समझाए
तू क्यों घबराता है क्यों जी को जलाता है

हारे का साथ सदा काहया हूँ
इसलिए मैं तेरे सपनो में मैं आया हूँ
तुझको जीता कर जाऊंगा
रोमी को समझाऊंगा
जाकर सबको बताओ
जो भी मेरा हो जाए आंच उसको कभी न आये
तू क्यों घबराता है क्यों जी को जलाता है

श्याम सपनों में आए मुझे धीर बँधाये
तू क्यों घबराता है क्यों जी को जलाता है

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