श्याम तूने इतना दिया जिसका न ठिकाना है
जिसका न ठिकाना है जिसका न ठिकाना है
आया था जब खाटू इस दुनिया से हार के
तूने ही अपनाया इससे अपना समझ कर के
बाबा मेरे दिल का इतना ही फ़साना है
श्याम तूने इतना दिया जिसका न ठिकाना है
खाटू में आकर के तेरे मंदिर में मिलते थे
तेरे ही किस्से तेरे प्रेमी से सुनते थे
तू साथ निभाता है प्रेमी का बताना है
श्याम तूने इतना दिया जिसका न ठिकाना है
दुनिया के धोखो से हमको बचा लेना
बाबा तेरे दर का सेवक बना लेना
सेवा में तेरी प्रभु सारा जीवन बिताना है
श्याम तूने इतना दिया जिसका न ठिकाना है
शिवम् तेरे दर पे एक आस ये लाया
उसकी भी सुन लेना विश्वास वो लाया है
सबकी तू सुनता है हमको भी सुनना है
श्याम तूने इतना दिया जिसका न ठिकाना है