मंगल को जन्मे मंगल ही करते
मंगल मये हनुमान
जय हनुमान जय जय हनुमान
लाल लंगोटा हथ बणिया मुख में नागर पान
लंका में वानर चले श्री अंजनी सूत हनुमान।।
बजरंग तेरी धाक से दूजे लंका कोटि
और पायक हो श्री राम के पहने लाल लंगोट।।
सिया राम जी का डंका लंका में भजन लिरिक्स
सिया राम जी का डंका लंका में,
बजवा दिया बजरंग बाला ने
जंगरिया हनुमान जी की जय हो
बजवा दिया बजरंग बाला ने,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
सिया राम जी का डंका लंका मे,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।
सूती मंदोतरी सपनो आयो,
सपनो में शिवा विस रे,
कूदता देखिया रीछ वानरा ने,
कटता देखिया सीस रे,
सिया राम जी का डंका लंका में,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
कहे मंदोतरी सुन पिया रावण ,
आ कई कुबुद्ध कमाई रे,
तीन लोक री सीता माँ जानकी,
ज्याने तू हर लाई रे,
सिया राम जी का डंका लंका में,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
मेघनाथ सा पुत्र हमारे,
कुम्भकरण सा भाई रे,
लंका सरीका कोट हमारे ,
सात समुद्र आडी खाई रे,
सिया राम जी का डंका लंका में,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
हनुमान सा पायक उनका,
लक्ष्मण जैसा भाई रे,
जलती अगन में कूद पड़े वो,
कोट गिने ना खाई रे,
सिया राम जी का डंका लंका में,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।
सीता राम जानकी बैठे है मेरे सीने में,
सीता राम और जानकी बैठे है मेरे सीने में,
देखलो मेरे दिल के नगीने में,
सीता राम जानकी बैठे है मेरे सीने में।।
रावण मार राम घर आये,
घर घर बटत बधाई जी,
सुनीजन मुनिजन आरती उतारे,
तुलसीदास जस गाई रे।।
सिया राम जी का डंका लंका में,
बजवा दिया बजरंग बाला ने,
बजवा दिया बजरंग बाला ने,
सिया राम जी का डंका लंका मे,
बजवा दिया बजरंग बाला ने।।