सियाराम ने भजो रे राजाराम ने भजो,
मिनखा देह को योही मजो।।
तु शारद जगदम्ब भवानी,
मुख से बोल राम की बाणी,
रावण जैसो नही अभिमानी,
करवा दियो कुटुम्ब की हानि,
काम कृोध मद लोभ न तजो,
थे भी तजो र भाई थे भी तजो,
मिनखा देह को योही मजो।।
सियाराम ने भजो रे राजाराम ने भजो,
मिनखा देह को योही मजो।।
जुनागढ को नरसी मेहतो,
भात भरण बेटी क जातो,
गाडी टुटगी हरी न भजतो,
किशनो खाती झटपट बनतो,
सोना चांदी की किला जडी,
वाको जोड दियो पुर्जोही पुर्जो,
मिनखा देह को योही मजो।।
सियाराम ने भजो रे राजाराम ने भजो,
मिनखा देह को योही मजो।।
धरती अम्बर नौलख तारा,
रहसी अठ सारा का सारा,
कह भगवान सहाय सुन प्यारा,
दो दिन रा मेहमान उधारा,
म्हारो काको गुरू गणेश म्हारा,
सिर पर मेल दियो पंजो,
मिनखा देह को योही मजो।।
सियाराम ने भजो रे राजाराम ने भजो,
मिनखा देह को योही मजो।।
Siyaram Ne Bhajo Re Rajaram Ne Bhajo
Minkha Deh Ko Yohi Majo
Veera Yohi Majo Yohi Majo
Tu Sharad Jagadamb Bhawani
Mukh Se Bol Ram Ki Bani
Rawan Jaiso Nahi Abhimani
Karava Diyo Kutumb Ki Hani
Kaam Krodh Mad Lobh Na Tajo
The Bhi Tajo Ra Bhai The Bhi Tajo
Minkha Deh Ko Yohi Majo
Junagadh Ko Narasi Mehato
Bhat Bharan Beti Ka Jato
Gadi Tutagi Hari Na Bhajato
Kishano Khati Jhatapat Banato
Sona Chandi Ki Kila Jadi
Vako Jod Diyo Purjohi Purjo
Minkha Deh Ko Yohi Majo
Dharati Ambar Naulakh Tara
Rahasi Ath Sara Ka Sara
Kah Bhagavan Sahay Sun Pyara
Do Din Ra Mehaman Udhara
Mharo Kako Guru Ganesh Mhara
Sir Par Mel Diyo Panjo
Minakha Deh Ko Yohi Majo
Siyaram Ne Bhajo Re Rajaram Ne Bhajo
Minkha Deh Ko Yohi Majo