मांगने को हाथ भी नहीं है बंदा गरीब है
मेरे हाथो की लकीरो का तमाशा क्या मैं जानूमानु मैया मैं तो तुम को ही मानुलाया न मैं कोई नजराना किसा अजीब हैमांगने को हाथ भी नहीं है, बंदा गरीब है।। जिस रात की न हो सुबह वो रात मैया मेरी जिंदगी,जिस बात का न हो कोई मतलब वो बात मैया मेरी जिंदगी,जीना ठोकरों में … Read more