तेरा शुक्र मनाऊ मैं दातिए हर सांस मेरी किरपा है
तेरा शुक्र मनाऊ मैं दातिएहर सांस मेरी किरपा हैतेरी तुझे हर पल ध्याऊ मैंतेरा शुक्र मनाऊ मैं दातिए।। इतनी मेरी औकात भी न था तूने दिया है जितना,जन्मो तक उतरे गा माँ कर्ज तेरा है इतना,एहसान हजारो है तेरे क्या क्या गिनवाऊ मैंतेरा शुक्र मनाऊ मैं दातिए।। सदके सो सो बार मैं तेरी ममता पे … Read more