गणेश अमृतवाणी लिरिक्स
गणेश अमृतवाणी लिरिक्स विघन विनाशक गणराये भये से मुक्त करेइस्की दया से भक्ति की भाव से नाव तारेपार्वती ललना का मन से भजन तू कर्ता जाकरुणा की इस मूरत से मन वंचित फल तू पासजिसके घर में गणराये के नाम का दीप जलेउस घर के हर जीव की हर एक बंध कथाजिन्कपे करुणा स्वयं करे … Read more