गम के मारे हम दुखायारे सारे रे

गम के मारे हम दुखायारे सारे रे सारे रे,घर से निकले मज़बूरी में हम मजदूर बेचारेगम के मारे हम दुखायारे सारे रे सारे रे।। पैदल ही पैदल चल कर है जाना,दूर बहुत मंजिल है दूर ठिकाना,घर विज्वादों हम को हम है वक़्त के मारे ,गम के मारे हम दुखायारे सारे रे सारे रे।। रोजी रोटी … Read more