मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी
आजा संवारे आजा संवारेमेरी सुनले करूँ पुकार ओ शीश के दानीये है असुअन की धार ना साँझ तू पानी।। मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी ,ये हैं अंसुवन की धार, ना समझ तू पानी ,मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी ।। जितने बहेंगे आंसू तेरे लिए सांवरे,कर्ज चढ़ेगा तुझपे उतना ही … Read more