श्री कुबेर चालीसा – जय जय श्री कुबेर भंडारी
॥ दोहा ॥जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेरऐसे ही स्वर्ग द्वार पे अविचल खडे कुबेर।। विघ्न हरण मंगल करण सुनो शरणागत की टेरभक्त हेतु वितरण करो धन माया के ढेर।। ॥ चौपाई ॥जै जै जै श्री कुबेर भण्डारीधन माया के तुम अधिकारी।। तप तेज पुंज निर्भय भय हारीपवन वेग सम सम तनु बलधारी।। स्वर्ग … Read more