गौरी नंदन गज बदन करने स्वामी दुख हरण

विघन हरण मंगल करणदीनन दीन दयालप्रथम निमंत्रन आपकोहे गिरिजा के लाल।। गौरी नंदन गज बदनकरने स्वामी दुख हरण।। लाभोधर प्रभु अंकुश धारी,मुशक वाहन करके सवारी आये है मेरे आंगन,गोरी नंदन घजे वेदन करने स्वामी दुःख हरण।। तीजा द्वारा पूजे रहे उपसि,पूजे विश्व नाथ अविनाशी,शुकल वदर पावन महीना,बनके शिव चरनन की दासी,शिव को मन मंदिर में … Read more