मनुष्य जन्म अनमोल रे मिटटी में न रोल रे

मनुष्य जन्म अनमोल रे मिटटी में न रोल रेअब जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नहीं कभी नहीं तू सत्संग में जाया कर गीत प्रभु के गया करसांझ सवेरे बैठ के बन्दे हरी का ध्यान लगाया करमहल गता कुछ मोल रे माटी में न रोल रेअब जो मिला है फिर न मिलेगा कभी नहीं … Read more