रोज रोज सपनों में श्याम मोरे आयो रे
रोज रोज सपनों में श्याम मोरे आयो रेसांवली सूरत मोरे मनवा को भये रेबहुत तड़पयी रे बंसुरिया मोहन केमुरलिया मोहन के ।। छोटी उमरिया में लग गया रोग रेश्याम की दीवानी राधा जाने सब लोग रे।। दिन रात बन गई जोगन रेलागे नहीं मन करु कौंसा जतन रेतन में अगन ला गएबंसुरिया मोहन की मुरलिया … Read more