राम जैसा नगीना नही सारे जग की बजरियां में
राम जैसा नगीना नही,सारे जग की बजरियां में,नील मणि ही जडाऊगी,अपने मन की मुदरिया में ।। राम का नाम प्यारा लगे,रसना पे बिठाऊगी मैं,मैं तो मूरत बसाऊगी,नैनो की पुतरियां में,राम जैसा नगीना नही,सारे जग की बजरियां में ।। है झूठे सभी रिश्ते और,झूठे सभी नाते,दूजा रंग न चडाऊगी,अपनी शामल चदारियां पे,राम जैसा नगीना नही,सारे जग … Read more