जीवन मौत का खेल है पगले क्या रोना क्या धोना

जीवन मौत का खेल है पगले क्या रोना क्या धोना,जितनी चाबी भरी राम ने उतना चले खिलौना,रोते रोते हंसना सीखो हंसते हंसते रोना।। ऋषि मुनि और ज्ञानी ध्यानी पीर और पैगम्बरखाली हाथ यहाँ से लौटे दारा और सिकंदर,साथ किसी के नही गया है,साथ किसी के नही गया है ये चांदी ओर सोना,जितनी चाबी भरी राम … Read more