जिंदगी किराए का घर है एक ना एक दिन बदलेगा पडेगा
जिंदगी किराए का घर हैएक ना एक दिन बदलेगा पडेगामौत जब तुमको आवाज देगीघर से बाहर निकलना पड़ेगा।। मौत का जब बजा सर पे डंकापल में फुक दे सोने की लंका।। छोड़ कर अपनी ऊंची हवेलीतुझको बहार निकलना पडेगा।। धेर मिट्टी का हर आदमी हैबाद मरने के होना यही है।। या जमिनो में क़ुबत बनेगीया … Read more