सीताराम की जोरी शोभित
सीताराम की जोरी शोभित सीताराम की जोरी शोभितरतन सिंहासन आनंद दायिन मधुर मधुर रस बोरीसुख सुषुमा श्रृंगार की आकरि मधु वर्षत चहुँ ओरी आत्मा कर्षनि हिय को हारिणि मन मोहनि चित चोरीछत्र लिये लछिमन भल भ्राजत प्रष्ट भाग बनि भोरी दक्षिण भरत चमर लिए राजत सुफल मनोरथ होरीरिपुहन बायें विजन डोलावत राम रंग सुख सोरी … Read more