तेरो कान्हा बडो हठीलो यमुना तट पे उधम मचावे

अपने नटखट कान्हा को मैया क्यों न समझावेतेरो कान्हा बडो हठीलो यमुना तट पे उधम मचावे कान खोल कर सुन ले मैया बिगड़ गया नन्द लालाकमरे में बंद करके मैया बाहर लगा दे तालाजब भूखो प्यासों रहेगो दिन भर होश ठिकाने आवेतेरो कान्हा बडो हठीलो यमुना तट पे उधम मचावे पनघट पे माँ तेरा लाडला … Read more