वारी वारी जाऊँ बलिहारी जाऊँ कृष्णा
सावरिया के ठाठ निराले ऊचे ऊचे खटके,कही गीता ज्ञान बांटता कही फोड़ता मटके,वारी वारी जाऊँ बलिहारी जाऊँ कृष्णा।। कही पे चीर बढ़ाये तू, कही पे चीर चुराये तू,कही कभी चोरी कही भात है भराये तू ,खीचड़ खाया करमा का धोया चरण सुदामा का,गोपियों के पीछे भागा लेके पिचकारी तू,रानी रुक्मणि को हर लाया वर लाया,ले … Read more