भवनों में लगा कर डेरा माँ मेरी कुटियाँ में आना भूल गई
भवनों में लगा कर डेरा माँ,मेरी कुटियाँ में आना भूल गई,अपने ही दर के दीवानो कीतकदीर जगाना भूल गई,भवनों में लगा कर डेरा माँ।। धरती से लेकर अम्बर तक हर जीव की तुझको चिंता है,तेरे अध्भुत साही लंगर से हर इक प्राणी पलता है,तूने भर दिया पेट माँ सब का ही हम को ही खिलाना … Read more