यशोदा माँ का लाडाला हाथो से निकल गयो जी
यशोदा माँ का लाडाला हाथो से निकल गयो जी,माखन से लत पत हाथ से पकड़ा तो फिसल गयो जी।। देखन को तरसे गोकुल की सारी गुजरियां,यशोदा सोचे लला को लागे न नजरियाँ ,लुका छुपी के खेल में आँखों से ओझल बेहो जी,यशोदा माँ का लाडाला हाथो से निकल गयो जी।। माखन चुराए तो भी शिकायत … Read more