चालो तिल गुड़ खिचड़ी खाकर मकर संक्रांति मनाएंगे

सूरज मकर राशि पे आये
दिन को पौष पर्व कहलायेंगे
जो कोई दान धर्म कर आये
पुण्य भक्त वही पा जाए
सुबह सवेरे गंगा डुबकी लगाने जायेंगे
चालो तिल गुड़ खिचड़ी खाकर मकर संक्रांति मनाएंगे
चालो तिल गुड़ खिचड़ी खाकर मकर संक्रांति मनाएंगे।।

आया दिन ये कैसा प्यारा बहती खुशियों की धरा है
आओ आज लगाए हम सब लगाए
गंगा मैया का जयकारा।।

आया दिन ये कैसा प्यारा बहती है खुशियों की धरा
सारे भक्त आज लगाए
गंगा मैया का जयकारा।।

पावन तन मन करने गंगा धाम जाएंगे
चालो तिल गुड़ खिचड़ी खाकर मकर संक्रांति मनाएंगे
चालो तिल गुड़ खिचड़ी खाकर मकर संक्रांति मनाएंगे।।

हर एक राज्य में है हलचल
कही पीहू तो कही पोंगल
देखो भक्त बीतने जाते है
कशी या हरिद्वार में ये पल।।

कुछ जन गंगा सागर में त्यौहार मनाएंगे
चालो तिल गुड़ खिचड़ी खाकर मकर संक्रांति मनाएंगे।।

सूरज मकर राशि पे आये
दिन को पौष पर्व कहलायेंगे
जो कोई दान धर्म कर आये
पुण्य भक्त वही पा जाए
सुबह सवेरे गंगा डुबकी लगाने जायेंगे
चालो तिल गुड़ खिचड़ी खाकर मकर संक्रांति मनाएंगे
चालो तिल गुड़ खिचड़ी खाकर मकर संक्रांति मनाएंगे।।

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